Friday, December 31, 2010
उमंग तरंग
नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया
फूलों के गुलदस्तों से स्वागत का अवसर आया
राजा रंक क्या ये तो देखो सब के मन को भाया
सन २०१० हंसकर बोला देखो २०११ है अब आया
नयी उमंगें नयी तरंगे सबकुछ अपने संग है लाया
नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया
नए साल में नया लगे सब होंटों पे मुस्कान भी लाया
बड़े, बच्चे और सभी के खुशियों का त्यौहार भी लाया
बिता साल फिर नया बना है इसने तो करतब दिखलाया
देखो जरा इसने तो सब से हंस हंस कर हाथ मिलाया
नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया
Monday, October 25, 2010
Sunday, October 24, 2010
क्या बेटा क्या बेटी ?
सरहद पे भी खड़ी है वो
मैदान में भी लड़ी है वो
फिर क्या बेटा क्या बेटी ?
इस दुनियां की रौनक है वो
हर घर की जननी है वो
फिर क्या बेटा क्या बेटी ?
जो भी इस धरती पे जन्म लिया
माँ की आँचल में खेला है वो
फिर क्या बेटा क्या बेटी ?
आवो मिलकर गुणगान करें हम
क्योंकि सबका तारनहार है वो
फिर क्या बेटा क्या बेटी ?
इंदिराजी, कभी मदर टेरेसा
लक्छमी बाई भी रही है वो
फिर क्या बेटा क्या बेटी ?
Friday, October 22, 2010
तू ही एक दाता
गर बैठे बिठाये ही खाने को मिल जाये
तो फिर उस खाने का मजा क्या है
वो हर ख़ुशी गर ऐसे ही मिल जाये
तो वो जीवन, जीवन ही भला क्या है ?
लुत्फ़-इ-जिंदगी लम्हों में समझ आ जाती
तो बर्षों तलक जीने का मजा क्या है ?
मेहनत की रोटी में जो मजा मिल जाये
यूँ ही बैठे बैठे ही खाने में भला क्या है
मंग्तें तो उस रब के हैं ही हम सब
बिन मांगे ही मिला हो तो मजा क्या है
मंजिल का पता गर लाख तुम्हे हो जाये
बिन किनारे उस पार जाने का मजा क्या है
Wednesday, October 20, 2010
जिंदगी और मौत
वो जिंदगी-जिंदगी कैसी जो किसी के काम न आये
वो मौत- मौत कैसी है जो यू ही व्यर्थ चली जाए
प्यार सिर्फ पा लेने का नाम नहीं है यारों
वो प्यार-प्यार कैसा है जो बेजान होती चली जाए
जिंदगी दे नहीं सकते तो लेना कोई काम नहीं यारो
जीने के लिए इस दुनिया में सभी, कुछ कर्म करते है
वो कर्म- कर्म कैसा है जिससे अनर्थ होती चले जाए
जिंदगी को हर कोई अपने तौर पे जी लेता है यारो
वो उम्र- उम्र कैसी है जो बिन इबादत ही ढलती जाए
मुहब्बत एक इबादत है कुछ और न समझो यारो
वो सम्मा-सम्मा कैसी है जो बुझती ही चली जाए
सिर्फ एक वोही सबकुछ
गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
खुदा ने भेजा हमें इस चमन में
जहाँ जर्रे जर्रे में वो समाया हुआ है
गर न होती यहाँ रौनक तो क्यों फूल होता
गर न होती लज्जत जीने में तो क्यों जीवन होता
गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
करम है जो उसने हमें तो इंसान बना दिया
न चाहा होता सो जाने क्या बनाया होता
हम तुम न होते तो कोई गम न होता
गर खुदा न होता तो कुछ भी न होता
गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
राही
जिंदगी तुझसे बीछर के मुझे किधर जाना है
तेरे संग ही रहा हूँ तेरे संग ही रहना है
हम हैं तुम भी हो सब हैं एक राह के मुसाफिर
जिस हाल में रहे हम सबको चलते ही जाना है
मुसाफिर ,उस डगर पे मिलो फिर इत्तफाकन
जहाँ पे हम मिले थे वहीँ कदमो को ठहरना है
जिंदगी तुझसे बीछर के मुझे किधर जाना है
तेरे संग ही रहा हूँ और तेरे संग ही रहना है
क्यों करता अभिमान ?
हे मानव क्यों करता इतना अभिमान
हे मानव क्यों रखता आन और बाण
छंभंगुर जीवन तो इश्वर का है वरदान
कर सके तो कर इसका मान और सम्मान
पंख पखेरू उर जानी है क्यों है तू अनजान
धरी की धरी रह जानी है अहंकार और अभिमान
हे मानव क्यों करता इतना अभिमान
हे मानव क्यों रखता आन और बाण
कर मानव का सम्मान पर का न कर अपमान
सब को जाना है एक दिन हो चाहे दीन और धनवान
खुद को खुश रखकर तू करना औरो का कल्याण
कर सके तो करले भय्या कुछ दान और गुणगान
हे मानव क्यों करता इतना अभिमान
हे मानव क्यों रखता आन और बाण
जैसा करोगे वैसा भरोगे कहती गीता और कुरआन
राजा रंक तो कालचक्र है जरा जान और पहचान
Tuesday, October 12, 2010
हम हिन्दुस्तानी
हम हिन्दुस्तानी खून खून का रिश्ता अपना
हम देखा करते मिलजुलकर एक सच्चा सपना
देश भक्त भगत सिंह जैसा है मंसाअपना
आग बढ़ते रहने का इरादाअच्च्छाअपना
हम हिन्दुस्तानी खून खून का रिश्ता अपना
हम देखा करते मिलजुलकर एक सच्चा सपना
सींचा भारत को इंदिराजी ने लहू से अपना
गाँधी जी का मंत्र हमें है आता जपना
आतंकवाद कुचलने को हमने है ठाना
जिस धरती पे स्वर्ग मिले वो देश है अपना
हम हिन्दुस्तानी खून खून का रिश्ता अपना
हम देखा करते मिलजुलकर एक सच्चा सपना
मंदिर मस्जिद के नाम पे लहू नहीं बहाना
पायी आजादी मुश्किल से फिर से नहीं गवाना
जात पात का ढोंग मिटाकर मंजिल हमको है पाना
उस युग में जीते है हम जो है नया ज़माना
Subscribe to:
Posts (Atom)