Friday, December 31, 2010

उमंग तरंग

 


नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया


फूलों के गुलदस्तों से स्वागत का अवसर आया
राजा  रंक क्या ये तो देखो सब के मन को भाया


सन २०१० हंसकर बोला देखो २०११ है अब आया
नयी उमंगें नयी तरंगे सबकुछ अपने संग है लाया


नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया




नए साल में नया लगे सब होंटों पे मुस्कान भी लाया
बड़े, बच्चे और सभी के खुशियों का त्यौहार भी लाया


बिता साल फिर नया बना है इसने तो करतब दिखलाया
देखो जरा इसने तो सब से हंस हंस कर हाथ मिलाया


नयी उमंगें लेकर देखो नया साल फिर आया
दुःख संकट सब दूर करेगा यह संदेसा लाया







No comments:

Post a Comment