मेरे दिल में क्या है जरा सुन तो लीजिये
इक बार ही सही अब जरा मौका तो दीजिये
रूबरू न सही ख्यालों में मिल तो लीजिये
कुछ और न सही जरा ये करम तो कीजिये
फूल खिल जायेंगे हर सू इस वीराने में भी
निगाहों से ही सही जरा जहमत तो कीजिये
कुछ कहिये और कुछ मेरी सुन तो लीजिये
गिले सिक्वों के लिए जरा मुआफी तो दीजिये
नशा सराब से कम इन आँखों में तो नहीं
कुछ मुझको पिलाईये कुछ खुद तो पीजिये