गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
खुदा ने भेजा हमें इस चमन में
जहाँ जर्रे जर्रे में वो समाया हुआ है
गर न होती यहाँ रौनक तो क्यों फूल होता
गर न होती लज्जत जीने में तो क्यों जीवन होता
गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
करम है जो उसने हमें तो इंसान बना दिया
न चाहा होता सो जाने क्या बनाया होता
हम तुम न होते तो कोई गम न होता
गर खुदा न होता तो कुछ भी न होता
गर न होता मैं तो भी खुदा होता
गर न होते तुम तो भी खुदा होता
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