Sunday, October 24, 2010

क्या बेटा क्या बेटी ?



सरहद पे भी खड़ी है वो
मैदान में भी लड़ी है वो

फिर क्या बेटा क्या बेटी ?

इस दुनियां की रौनक है वो
हर घर की जननी है वो

फिर क्या बेटा क्या बेटी ?

जो भी इस धरती पे जन्म लिया
माँ की आँचल में खेला है वो

फिर क्या बेटा क्या बेटी ?

आवो मिलकर गुणगान करें हम
क्योंकि सबका तारनहार है वो

फिर क्या बेटा क्या बेटी ?

इंदिराजी, कभी मदर टेरेसा
लक्छमी बाई भी रही है वो

फिर क्या बेटा क्या बेटी ?

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