Thursday, January 27, 2011

तेरे रुखसार पे


तेरे रुखसार पे नजर पड़ी तो गुलज़ार हो गया
पता भी न चला के जाने कब प्यार हो गया

पर एक तेरी निगाह को जैसे राह ताकता है दिल
मेरा दिल आँखे चार करने को तेयार हो गया

वो मेरी जाने जहाँ मान भी जावो जरा तुम
तेरे सुंदर लबों की दिल को दरकार हो गया

मैंने अबतक जो बात दिल में छुपाई तुमसे
वो इजहार करने का वक़्त अब सरकार हो गया

जाने क्या किया तेरी जुल्फों ने मुझपे जादू
जैसे एक ही नजर में तू मेरा दिलदार हो गया



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