तेरे रुखसार पे नजर पड़ी तो गुलज़ार हो गया
पता भी न चला के जाने कब प्यार हो गया
पर एक तेरी निगाह को जैसे राह ताकता है दिल
मेरा दिल आँखे चार करने को तेयार हो गया
वो मेरी जाने जहाँ मान भी जावो जरा तुम
तेरे सुंदर लबों की दिल को दरकार हो गया
मैंने अबतक जो बात दिल में छुपाई तुमसे
वो इजहार करने का वक़्त अब सरकार हो गया
जाने क्या किया तेरी जुल्फों ने मुझपे जादू
जैसे एक ही नजर में तू मेरा दिलदार हो गया
No comments:
Post a Comment