Thursday, January 27, 2011

तस्वीर-ए-ख्वाब


तू हसीनो में हसीं महजबीं और रंगीन हो
देखने पे बार बार तू लगाती और  हसींहो

ला लालालला ला लालालला ..................

चेहरा तो चंदा जैसी आंखे बेहतरीन हैं
होंट गुलाब की पंखुरियाँ लगती बड़ी नमकीन है 

तू हसीनो में हसीं महजबीं और रंगीन हो

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मुस्कुराते तो सभी हैं इस जमाने में
आप की मुस्कराहट सबों में हसीं हैं

तेरी मुस्कुराहटों से प्यार किया है
तुम्ही बताओ क्या जुर्म कोई संगीन है ?

तू हसीनो में हसीं महजबीं और रंगीन हो
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तुझे देखकर मेरी जाना कश्मीर की कलि ग़मगीन है
सहेली के बिच मुस्कुराती हुई तू लगाती और हसीं है

ला लल्ला लालालला ............................

सनम तेरी वफ़ा तो काबिले बयां है
मुझे तो तेरी वफ़ा पे बहूत यकीन है

हु हूहू हु हूहू ............................

देखना, मुस्कुरान, सर झुकाना ये अदाएं तेरी तिन है
पर हँसना, हसाना, रुठ्जाना ये अदाएं  और भी हसीं हैं

तू हसीनो में हसीं महजबीं और रंगीन हो
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