गुलाब की पंखुरियो जैसी तेरी होंटो की लाली
तेरे दो नैनो में लिपटा बन के काजल काली
तू जिधर देखे मै उधर मिलू
जैसे बगिया में माली
तू सुन्दरता की मूरत है,
जिसके तन मन में प्यार है खाली
तेरी जुल्फों में लिपटकर,
मांगू तुमसे खुशाहाल़ी
आ तुझको मई सैर करा दू
जरा दिखा दू जन्नत की हरियाली
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