Thursday, May 2, 2013



न मिल सकूँ जिंदगी में तो बेवफा न समझना
क्या करूँ वक्त और हालात तुमसे मिलने की इजाजत नहीं देते

प्यार तो सच्चा है ये अपना लेकिन
जमाने की रश्मो रिवाज हमें साथ साथ चलने नहीं देते

माना की इसमें हम दोनों की खता नहीं पर
ये फासले चैन से जीने नहीं देते

गर मुझसे कोई खता हुई तेरी नजर में तो माफ़ी देना
ये उलझन मुझे रात भर सोने नहीं देते

ताकयामत दिल में चराग जलाए रखना" रेयाज़ " कयोकी
चाह कर भी दिल , दिल से जुदा होने नहीं देते


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