Friday, February 15, 2013



हर हसीना से नजर चुराने लगे
तुम से नजर मिली तो मुस्कुराने लगे 

हर हसीना को कमतर पाने लगे 
तुम्हारी सूरत दिल  में बसाने लगे 

तेरी मूहब्बत का लुत्फ़ उठाने लगे 
दिल के दरवाजे खोल दे रेयाज़ 
सनम इसमें तसरीफ लाने लगे 

मौत से कम जुदाई से घबराने लगे 
पर तुम मेरे साथ हो इसलिए 
जमाने की नजर से नजर मिलाने लगे 

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