हर हसीना से नजर चुराने लगे
तुम से नजर मिली तो मुस्कुराने लगे
हर हसीना को कमतर पाने लगे
तुम्हारी सूरत दिल में बसाने लगे
तेरी मूहब्बत का लुत्फ़ उठाने लगे
दिल के दरवाजे खोल दे रेयाज़
सनम इसमें तसरीफ लाने लगे
मौत से कम जुदाई से घबराने लगे
पर तुम मेरे साथ हो इसलिए
जमाने की नजर से नजर मिलाने लगे
No comments:
Post a Comment