Thursday, February 14, 2013





मेरे जिस्म के हर हिस्से पे तेरे होंटों के निशान होंगे
तेरे जिस्म के हर हिस्से पे मेरा वजूद

तेरे जिस्म से कस्तूरी की महक आती होगी
मै तुझमे और तुम मुझमे खो जाते होंगे

दूर आसमान में काली घटा छा जाती होगी
 टिप टिप बारिश की बुँदे गिरते होंगे

मिलन की आखिरी बेला में हम दोनों
बारिश में खूब नहाते होंगे



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